Paro Aarti Viral Video: Paro Aarti का प्राइवेट वीडियो किसने किया वायरल – Converter Tools Store

Paro Aarti Viral Video: एक ऑर्केस्ट्रा डांसर की कहानी जिसने सोशल मीडिया को हिला दिया.

बिहार के नालंदा जिले में सरस्वती पूजा के अवसर पर आयोजित एक ऑर्केस्ट्रा कार्यक्रम के दौरान, एक युवक गुलशन यादव ने मंच पर डांस कर रही ऑर्केस्ट्रा डांसर पारो आरती की मांग में सिंदूर भर दिया। इस अप्रत्याशित घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिससे पारो आरती रातों-रात चर्चा में आ गईं।

Paro Aarti Viral Video: घटना का विवरण

पारो आरती ने बताया कि वह उस युवक को नहीं जानती थीं और वह शराब के नशे में था। गुलशन के पिता ने भी इस घटना को नकारते हुए कहा कि उनके बेटे ने सिंदूर नहीं, बल्कि अबीर डाला था और पारो पहले से शादीशुदा हैं ।

Paro Aarti Viral Video: पारो आरती की प्रतिक्रिया

गुलशन के पिता के आरोपों के जवाब में पारो आरती ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, “ससुर जी, झूठ मत बोलिए हम पहले से शादीशुदा नहीं हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि उनके परिवार ने उन्हें ऑर्केस्ट्रा में डांस करने के कारण पहले ही ठुकरा दिया था, और अब इस घटना के बाद वे घर भी नहीं जा सकतीं ।

Paro Aarti Viral Video: विवाद और सामाजिक प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद पारो आरती को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और अपमानजनक टिप्पणियों का सामना करना पड़ा। कुछ लोगों ने उनकी राष्ट्रीयता पर सवाल उठाते हुए उन्हें ‘बांग्लादेशी’ कहा, जिसका उन्होंने खंडन किया और कहा कि वह बिहार की ही रहने वाली हैं ।

Paro Aarti Viral Video: आगे की राह

पारो आरती ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह गुलशन को पति मानकर उसके साथ रहना चाहती हैं। यदि गुलशन और उसके परिवार वाले उन्हें स्वीकार नहीं करते, तो वह कानूनी सहायता लेंगी ।

यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत कहानी है, बल्कि समाज में ऑर्केस्ट्रा डांसर्स के प्रति दृष्टिकोण और महिलाओं के अधिकारों पर भी सवाल उठाती है। पारो आरती की स्थिति ने यह स्पष्ट किया है कि समाज में महिलाओं के पेशे और व्यक्तिगत निर्णयों को लेकर अभी भी कई पूर्वाग्रह मौजूद हैं।

Conclusion

इस मामले ने सोशल मीडिया पर व्यापक बहस छेड़ दी है, जिसमें कुछ लोग पारो आरती का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य इसे पब्लिसिटी स्टंट मान रहे हैं। जो भी हो, यह घटना समाज में महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण और उनके अधिकारों पर एक महत्वपूर्ण चर्चा की आवश्यकता को उजागर करती है।

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